: भारत की आजादी की लड़ाई :
26 जनवरी 1950 को भारत ने अपना संविधान अपनाया और एक गणराज्य बन गया। यह दिन भारत की आजादी की कहानी का एक महत्वपूर्ण अध्याय है।
: भारत की आजादी की लड़ाई :
भारत की आजादी की लड़ाई 19वीं शताब्दी में शुरू हुई थी, जब भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह होने लगे थे। इस लड़ाई में कई महान नेताओं ने भाग लिया, जिनमें महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, और सुभाष चंद्र बोस प्रमुख थे।
: महात्मा गांधी का योगदान :
महात्मा गांधी ने भारत की आजादी की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने अहिंसा और सत्याग्रह के तरीकों से ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी। गांधी जी के नेतृत्व में भारतीयों ने कई आंदोलन किए, जिनमें नमक सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन प्रमुख थे।
: जवाहरलाल नेहरू का योगदान :
जवाहरलाल नेहरू ने भारत की आजादी की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने महात्मा गांधी के साथ मिलकर ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी। नेहरू जी ने भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया और देश को एक मजबूत और स्थिर सरकार प्रदान की।
: सुभाष चंद्र बोस का योगदान :
सुभाष चंद्र बोस ने भारत की आजादी की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए आजाद हिंद फौज का गठन किया। बोस ने भारतीयों को ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित किया और उन्हें आजादी की लड़ाई में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया।
: भारत का संविधान :
भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को अपनाया गया था। यह संविधान भारत को एक गणराज्य बनाता है और देश के नागरिकों को मौलिक अधिकार प्रदान करता है। भारत के संविधान में 22 भाग, 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियाँ हैं।
26 जनवरी 1950 को भारत ने अपना संविधान अपनाया और एक गणराज्य बन गया। यह दिन भारत की आजादी की कहानी का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, और सुभाष चंद्र बोस जैसे महान नेताओं ने भारत की आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत का संविधान देश के नागरिकों को मौलिक अधिकार प्रदान करता है और देश को एक मजबूत और स्थिर सरकार प्रदान करता है।
26 January DP Editing
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• सुभाष चंद्र बोस •
सुभाष चंद्र बोस भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था। उनका जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक शहर में हुआ था ।
सुभाष चंद्र बोस के पिता जानकीनाथ बोस एक वकील थे, और उनकी माता प्रभावती एक धार्मिक महिला थीं। सुभाष चंद्र बोस के परिवार में 14 भाई-बहन थे, और वह अपने परिवार के सबसे बड़े बेटे थे ।
सुभाष चंद्र बोस ने अपनी शिक्षा कोलकाता में प्राप्त की, और बाद में उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में एमए की उपाधि प्राप्त की ¹। उन्होंने अपने जीवनकाल में कई पुस्तकें लिखीं, जिनमें से एक पुस्तक “द इंडियन स्ट्रगल” है, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बारे में है ।
सुभाष चंद्र बोस ने अपने जीवनकाल में कई आंदोलनों में भाग लिया, जिनमें से एक आंदोलन असहयोग आंदोलन था, जो महात्मा गांधी द्वारा शुरू किया गया था ¹। उन्होंने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए आजाद हिंद फौज का गठन किया, जो एक सैन्य बल था जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए बनाया गया था ।
सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु 18 अगस्त 1945 को एक विमान दुर्घटना में हुई थी, लेकिन उनकी मृत्यु के बारे में अभी भी विवाद है । उन्हें भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी के रूप में याद किया जाता है, और उनकी जयंती 23 जनवरी को भारत में एक राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाई जाती है ।
: सुभाष चंद्र बोस के अनमोल वचन :
– “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।”
– “ये हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी स्वतंत्रता का मोल अपने खून से चुकाएं।”
– “आज हमारे अन्दर बस एक ही इच्छा होनी चाहिए, मरने की इच्छा ताकि भारत जी सके।”
सुभाष चंद्र बोस एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था। उनकी विरासत आज भी भारत में जीवित है, और उन्हें एक राष्ट्रीय नायक के रूप में याद किया जाता है ।
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सुभाष चंद्र बोस एक ऐसे महान व्यक्तित्व थे जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा और ऊर्जा प्रदान की। उनका जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक शहर में हुआ था । उनके पिता जानकीनाथ बोस एक वकील थे, और उनकी माता प्रभावती एक धार्मिक महिला थीं।
सुभाष चंद्र बोस ने अपनी शिक्षा कोलकाता में प्राप्त की, और बाद में उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में एमए की उपाधि प्राप्त की । उन्होंने अपने जीवनकाल में कई पुस्तकें लिखीं, जिनमें से एक पुस्तक “द इंडियन स्ट्रगल” है, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बारे में है।
सुभाष चंद्र बोस ने अपने जीवनकाल में कई आंदोलनों में भाग लिया, जिनमें से एक आंदोलन असहयोग आंदोलन था, जो महात्मा गांधी द्वारा शुरू किया गया था । उन्होंने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए आजाद हिंद फौज का गठन किया, जो एक सैन्य बल था जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए बनाया गया था।
सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु 18 अगस्त 1945 को एक विमान दुर्घटना में हुई थी, लेकिन उनकी मृत्यु के बारे में अभी भी विवाद है । उन्हें भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी के रूप में याद किया जाता है, और उनकी जयंती 23 जनवरी को भारत में एक राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाई जाती है।
: सुभाष चंद्र बोस के जीवन के कुछ महत्वपूर्ण पहलू हैं :
– देशप्रेम और स्वाभिमान: सुभाष चंद्र बोस के मन में देशप्रेम और स्वाभिमान की भावना बचपन से ही बड़ी प्रबल थी।
– आजाद हिंद फौज: उन्होंने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए आजाद हिंद फौज का गठन किया।
– नेतृत्व और संगठन: सुभाष चंद्र बोस एक महान नेता और संगठनकर्ता थे, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा और ऊर्जा प्रदान की।
– विचारधारा और आदर्श: सुभाष चंद्र बोस की विचारधारा और आदर्श भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं।
: सुभाष चंद्र बोस के अनमोल वचन हैं :
– “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।”
– “ये हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी स्वतंत्रता का मोल अपने खून से चुकाएं।”
– “आज हमारे अन्दर बस एक ही इच्छा होनी चाहिए, मरने की इच्छा ताकि भारत जी सके।”
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